वाराणसी। दालमंडी इलाके में लंबे समय से चले आ रहे अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए मंगलवार को वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए), जिला प्रशासन, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। इस दौरान मोहम्मद सलीम, इमरान उर्फ बबलू सहित 25-30 महिलाओं और पुरुषों ने सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए विरोध जताया, जिससे ध्वस्तीकरण कार्य बाधित हो गया।वीडीए के जोनल अधिकारी सौरभ देव प्रजापति ने बताया कि ध्वस्तीकरण अभियान के तहत दालमंडी व काजीपुरा कला वार्ड में अवैध भवनों के खिलाफ 6 मार्च 1984 से नोटिस जारी हैं। तब से मकान मालिक न तो शमन मानचित्र प्रस्तुत कर सके, न भू-स्वामित्व का प्रमाणपत्र। चार जुलाई 1984 को अवैध निर्माण को हटाने का आदेश भी जारी हुआ था, लेकिन ये निर्माण अभी तक बरकरार थे।मंगलवार को प्रशासन की टीम जब ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची, तो मोहम्मद सलीम और इमरान के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विरोध में कई महिलाएं भी शामिल थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मुआवजे के लिए निर्धारित सर्किल रेट पर सहमति नहीं बनी है, जिससे असंतोष फैल गया। इसके कारण टीम को ध्वस्तीकरण कार्रवाई रोकनी पड़ी।इस घटना के बाद वीडीए ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर 25-30 अज्ञात लोगों समेत मोहम्मद सलीम व इमरान उर्फ बबलू के खिलाफ चौक थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और विरोध प्रदर्शन के गंभीर आरोप लगे हैं। मामले की जांच जारी है और प्रशासन ने साफ किया है कि अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।यह विवाद दालमंडी के सड़क चौड़ीकरण एवं अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण के संघर्ष के बीच उत्पन्न हुआ है, जहां स्थानीय निवासियों के आक्रोश और प्रशासन के संकल्प के बीच टकराव देखने को मिला है। प्रशासन ने आगामी दिनों में भी ध्वस्तीकरण संबंधी कार्रवाइयां तेज करने का एलान किया है।









