वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी “काशी शब्दोत्सव : विश्व कल्याण और भारतीय संस्कृति” के तीसरे दिन के चौथे सत्र में रविवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय महामंत्री गीता भट्ट ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे। ‘समसामयिक वैश्विक परिदृश्य : संस्कृति एवं कूटनीति के परिप्रेक्ष्य’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा और आध्यात्मिक दर्शन विश्व के लिए सदैव मार्गदर्शक रहा है। भारत ही ऐसा राष्ट्र है जो “सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः” का उद्घोष करता है। सभी प्राणियों में सद्भावना, समभाव और विश्व कल्याण की भावना भारत की मूल आत्मा है। उन्होंने कहा कि आज जब विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे समय में भारत की विश्व-बंधुत्व पर आधारित संस्कृति वैश्विक शांति और सामंजस्य का सर्वोत्तम मॉडल प्रस्तुत करती है। सत्र में गीता भट्ट का स्वागत राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी की महिला विंग एवं जिला पदाधिकारियों ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रदेश मंत्री प्रो. भावना निगम, जिला महामंत्री डॉ. कुमुद सिंह, जिला उपाध्यक्ष दीपिका सिंह, जिला मंत्री अनुराधा भार्गव, रीना वर्मा, प्रीति सिंह, आभा तिवारी, संयुक्त मंत्री गीता गुप्ता, रितु ओबेरॉय, शालिनी जायसवाल, प्रचार मंत्री सुनीता चतुर्वेदी, आयाम प्रमुख वंदना राय, श्यामा कृष्ण, प्रदेश आयाम प्रमुख एवं जिला अध्यक्ष वाराणसी शशांक कुमार पांडेय, प्रो. संजय पांडेय, जिला महामंत्री आनंद कुमार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश पाल, उपाध्यक्ष अरविंद द्विवेदी, संगठन मंत्री डॉ. प्रभाकर द्विवेदी, संयुक्त महामंत्री आशुतोष कुमार पांडेय, संयुक्त मंत्री अजय कुमार, चंद्र मोहन यादव, संजीव त्रिपाठी, आयाम सह-संयोजक शेषनाथ वर्मा सहित कई ब्लॉक के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सेवापुरी ब्लॉक अध्यक्ष आनंद कुमार सिंह, आराजी लाइन ब्लॉक कर्मचारी अध्यक्ष अमिताभ राय, ब्लॉक उपाध्यक्ष अजीत कुमार, हरहुआ ब्लॉक आयाम संयोजक मनोज कुमार सिंह, पिंडरा ब्लॉक उपाध्यक्ष अविरल जगत चतुर्वेदी, सुजीत दुबे भी कार्यक्रम में शामिल रहे।









