वाराणसी। शहर के साड़ी सहित अन्य व्यापारियों को लंबे समय से परेशान कर रही ‘माल ले-भागो’ धोखाधड़ी पर अब पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। लगातार बढ़ते मामलों पर पुलिस कमिश्नर के संज्ञान में यह बात आई कि कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग व्यापारियों से माल लेकर भुगतान किए बिना गायब हो जाते हैं, जबकि कई थानों पर इन मामलों को अपेक्षित गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। इससे व्यापारी न केवल आर्थिक नुकसान झेल रहे थे, बल्कि शिकायत दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगाने को मजबूर थे।इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शहर में ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू करने और एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्णय लिया है। SIT की अध्यक्षता पुलिस उपायुक्त (अपराध) करेंगे, जबकि टीम में पुलिस उपायुक्त (प्रोटोकॉल), सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) और प्रभारी विवेचना सेल जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे। यह टीम प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक व्यापारियों की शिकायतें सीधे सुनेगी। SIT को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि शिकायत में प्रस्तुत दस्तावेज़ों में प्रथमदृष्टया कोई आपराधिक कृत्य दिखता है, तो तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए। वहीं जिन मामलों में आरोपी पक्ष का पक्ष सुनना आवश्यक होगा, उनमें एक-एक सप्ताह के अंतराल पर दो नोटिस जारी कर बयान लिया जाएगा। ऐसे विवाद जिनमें स्पष्ट आपराधिक इरादा नहीं दिखेगा और केवल व्यापारिक लेन-देन का मामला होगा, वहां पीड़ितों को सिविल कोर्ट का विकल्प सुझाया जाएगा।पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। कोई भी व्यापारी धोखाधड़ी का शिकार बने, यह स्वीकार्य नहीं है। इसलिए इन मामलों की जांच अब सीधे वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में होगी। हमारा उद्देश्य है कि पीड़ित को त्वरित न्याय मिले और ऐसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो। पुलिस कमिश्नर की इस पहल से शहर के व्यापारियों में राहत और उम्मीद की नई भावना जगी है। व्यापारिक संगठनों ने भी इसे स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि इससे धोखाधड़ी के मामलों पर प्रभावी अंकुश लगेगा और पुलिस प्रशासन पर व्यापारियों का भरोसा और मजबूत होगा।









