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बाल अधिकार सप्ताह का भव्य शुभारंभ : जागरूकता रथ के माध्यम से बाल संरक्षण का संदेश घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प

 बाल अधिकार सप्ताह का भव्य शुभारंभ

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वाराणसी। बच्चों के अधिकारों एवं संरक्षण की दिशा में जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिला बाल संरक्षण इकाई एवं प्रयत्न संस्था के संयुक्त तत्वावधान में, केएनएच जर्मनी के सहयोग से बाल अधिकार सप्ताह का आगाज 14 नवंबर से जिले में शुरू हो गया है, जो 20 नवंबर तक विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जाएगा। शुभारंभ अवसर पर चांदमारी स्थित जिला कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य आरती सेठ एवं टी.एन. शुक्ला, तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने फीता काटकर एवं हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। जागरूकता रथ को जिला, ब्लॉक, पंचायत व गांव स्तर तक भेजे जाने की योजना है, जिसके माध्यम से आमजन को बाल संरक्षण से जुड़े विविध पहलुओं—बाल श्रम, बाल विवाह, बाल दुर्व्यवहार, लैंगिक अपराध, नशा और बच्चों के प्रति हिंसा—के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस दौरान लोगों को जागरूक कर उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया जाएगा। शुभारंभ कार्यक्रम में सभी अधिकारियों एवं विशिष्ट अतिथियों ने बाल श्रम एवं बाल विवाह रोकथाम हस्ताक्षर अभियान में शिरकत की और अपना समर्थन दर्ज कराया। स्नेहा उपाध्याय ने कहा कि “समाज में जागरूकता ही वह मजबूत हथियार है, जिससे हम बाल श्रम और बाल विवाह जैसी गंभीर समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकते हैं। जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक इन कुरीतियों का खात्मा संभव नहीं है।” किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य आरती सेठ ने इसे बच्चों के संरक्षण और अधिकारों को मजबूती देने के लिए एक समयानुकूल तथा प्रभावी पहल बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को समाज की मुख्यधारा में लाते हैं।जिला बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने कहा कि “जनजागरूकता ही वह रास्ता है, जिससे हम बच्चों को शिक्षा से जोड़कर बाल श्रम को समाप्त कर सकते हैं। समाज को यह समझना होगा कि हर बच्चे को सुरक्षित, शिक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है।” ब्लॉक स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी शिवनारायण सिंह ने न केवल हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया, बल्कि लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहला कदम उन्हें शिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि जनजागरूकता कार्यक्रम तभी सफल हो पाएंगे, जब समाज स्वयं आगे बढ़कर बच्चों के अधिकारों को लेकर सजग होगा। अभियान के तहत जागरूकता रथ विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों को बताएगा कि— बाल विवाह से बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है,बाल श्रम बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है,बच्चों के प्रति हिंसा और लैंगिक अपराध गंभीर सामाजिक अपराध हैं, नशा न केवल बच्चों की सेहत बिगाड़ता है, बल्कि उनका भविष्य भी अंधकारमय बनाता है। रथ के माध्यम से ग्रामीणों, अभिभावकों, युवाओं और शिक्षकों को इन मुद्दों के समाधान में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।जनजागरूकता अभियान की इस पहल में सोनू गौर, प्रज्ञा राय, अनन्या दास, आकाश सरकार, दिनेश कुमार, प्रमिला देवी, जियालाल, सुमन देवी, मंजू देवी, सुनीता देवी, अंतिमा देवी, ज्योति, ललिता देवी, दिलीप कुमार और राहुल यादव सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और स्थानीय नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। बाल अधिकार सप्ताह के दौरान जिले भर में जागरूकता रैलियाँ, संवाद कार्यक्रम, कार्यशालाएँ, जनसंपर्क अभियान एवं विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से बच्चों के अधिकारों, उनकी सुरक्षा और उनके लिए सुरक्षित वातावरण निर्माण का संदेश व्यापक स्तर पर प्रसारित किया जाएगा।

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