वाराणसी। पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली एक चौंकाने वाली घटना चेतगंज थानाक्षेत्र से सामने आई है। जगतगंज निवासी सीता चौहान ने आरोप लगाया है कि उन्हें बिना किसी अपराध के चार दिन तक थाने में रोके रखा गया और पूछताछ के नाम पर लाखों के जेवरात हड़प लिए गए।गुरुवार को कचहरी स्थित अपने अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे के चेम्बर में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीता चौहान ने बताया कि 23 फरवरी 2025 को अभिनव सिंह द्वारा दर्ज एक एफआईआर के मामले में उन्हें और आराधना को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया। लेकिन दोनों को 27 फरवरी तक थाने में ही रोक लिया गया। सीता चौहान का आरोप है कि एसआई अभिषेक त्रिपाठी और महिला एसआई जागृति गिरी ने उनके घर वालों को डराकर घर के सभी गहने मंगवा लिए और उन्हें चोरी का बताकर अपने कब्जे में कर लिया। परिजनों ने बताया कि वे गहने सीता की मां गुलाबी देवी के पुराने जेवर थे, जिन्हें लहुराबीर स्थित चेतमणि ज्वेलर्स से बदला गया था। उसका बिल भी गुलाबी देवी के पास मौजूद है। महिला का आरोप है कि थाने में दबाव डालकर कई दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए, जिनमें कुछ हिंदी और कुछ अंग्रेजी में थे। साथ ही, सीता के मंगेतर को भी बुलाकर धमकाया गया और शादी के लिए तैयार किए गए 2.50 लाख रुपये के गहने भी दरोगा ने रख लिए, जिससे शादी टूट गई। सीता ने बताया कि जब उसने गहनों की वापसी मांगी तो दरोगा अभिषेक त्रिपाठी ने थाने में बुलाकर अभद्र भाषा में गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। भाई विक्रम चौहान द्वारा पुलिस आयुक्त व न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने के बाद आनन-फानन में पुलिस ने थाने की जीप से सीता और आराधना को घर ले जाकर कथित बरामदगी का वीडियो तैयार कर दिया। मामले की जानकारी होने पर एसीजेएम पंचम न्यायालय ने पुलिस आयुक्त से जांच आख्या तलब की, लेकिन थाना प्रशासन मौन रहा। सीता चौहान और उनके परिजनों ने भ्रष्ट पुलिसकर्मी के निलंबन, जेवरों की वापसी और निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है। पत्रकार वार्ता में सीता के साथ उनकी मां गुलाबी देवी और अधिवक्ता अभिषेक दूबे उपस्थित रहे।









