लखनऊ, 09 नवम्बर 2025। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने नोएडा में एक संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए फरहान नबी सिद्दीकी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। फरहान पर आरोप है कि उसने धार्मिक उन्माद और सामाजिक वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से देशभर में उन्मादी साहित्य का प्रकाशन किया तथा हवाला के जरिये विदेशों से लगभग 11 करोड़ रुपये की संदिग्ध फंडिंग प्राप्त की। एटीएस के अनुसार फरहान ने इस धनराशि का उपयोग अमरोहा और पंजाब में मदरसों, मस्जिदों और कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने में किया। जांच में यह भी सामने आया है कि फरहान ने तुर्की और जर्मनी के नागरिकों को गैरकानूनी ढंग से भारत में ठहराने की व्यवस्था की थी। इतना ही नहीं, उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों ने बांग्लादेशी नागरिकों को भी अवैध रूप से शरण दिलाई थी। जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फरहान धार्मिक पुस्तकों और पत्रिकाओं के प्रकाशन के माध्यम से युवाओं के बीच कट्टर विचारधारा फैलाने का कार्य कर रहा था। उसके ठिकानों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज, विदेशी बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स और संदिग्ध संचार माध्यमों के डाटा बरामद किए गए हैं। एटीएस सूत्रों के अनुसार, फरहान ने ‘धर्म प्रचार’ और ‘शैक्षिक विकास’ के नाम पर कई विदेशी संगठनों से चंदा जुटाया, जिसे हवाला नेटवर्क के जरिये भारत लाया गया। इस धन से न केवल संस्थान खड़े किए गए बल्कि समाज में वैमनस्य और उन्माद फैलाने के उद्देश्य से साहित्य का प्रसार भी किया गया। वर्तमान में फरहान से एटीएस की विशेष टीम गहन पूछताछ कर रही है। जांच का दायरा बढ़ाते हुए उसके संभावित सहयोगियों, वित्तीय स्रोतों और विदेशी संपर्कों की भी पड़ताल की जा रही है। नोएडा, अमरोहा, मेरठ और पंजाब में उसके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि फरहान के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने, समाज में शत्रुता फैलाने, अवैध विदेशी नागरिकों को शरण देने और हवाला से फंडिंग प्राप्त करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश एटीएस की हालिया सबसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इस कार्रवाई से न केवल विदेशी फंडिंग के जरिए धार्मिक कट्टरता फैलाने की साजिश उजागर हुई है, बल्कि ऐसे नेटवर्क पर भी लगाम लगाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है जो धर्म के आवरण में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।









