वाराणसी। काशी की पावन धरती पर फिर से भव्य देव दीपावली का आयोजन होने जा रहा है, जो 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्योहार भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर का वध करने की घटना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और इसे देवताओं द्वारा मनाई जाने वाली दिवाली कहा जाता है। इस बार काशी के 84 घाटों को करीब 15 लाख मिट्टी के दीयों से जगमगाया जाएगा, जिसमें आधिकारिक तौर पर 10 लाख दीये लगाए जाएंगे और बाकी जनभागीदारी से होंगे। घाटों, मंदिरों, कुंडों और गलियों को विशेष सजावट के साथ दीपों से रोशन किया जाएगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देव दीपावली के मुख्य कार्यक्रम में शाम 5 बजे काशी पहुंचेंगे। वहाँ से वह नमो घाट पर सवार होकर एक लग्जरी क्रूज के जरिए घाटों की निगरानी करेंगे और दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा आरती देखेंगे। इसके बाद चेत सिंह घाट पर 3D प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो का आनंद लेंगे, जिसमें काशी की आध्यात्मिकता एवं इतिहास को अत्यंत सुंदर दृश्य रूप में प्रस्तुत किया जाएगा
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। विश्वनाथ धाम के सामने रात 8 बजे आतिशबाजी का भव्य आयोजन भी होगा। इस पूरे आयोजन में काशी नगरी को 15 लाख से अधिक दीप और फूलों से मनमोहक रूप में सजाया जाएगा।इस बार का देव दीपावली पर्व “क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी” थीम पर होगा, जिसमें घाटों की स्वच्छता, सुरक्षा और सौंदर्य पर विशेष ध्यान दिया गया है। पारंपरिक संगीत प्रस्तुतियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और क्राफ्ट प्रदर्शनी के आयोजन से यह उत्सव आध्यात्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक समृद्धि का भी संदेश देगा। शहर की गलियों और घाटों पर स्मार्ट लाइटिंग और थीम आधारित इंस्टॉलेशन लगाए जा रहे हैं, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेंगे।वाराणसी प्रशासन द्वारा सुरक्षा, यातायात और व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए हैं ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और आनंदित होकर इस पावन पर्व को मना सकें। स्थानीय जनों के साथ देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक इस अभूतपूर्व प्रकाशोत्सव का हिस्सा बनने के लिए काशी में पहुंचेंगे। पूरे आयोजन में गंगा तट “हर हर गंगे” के जयघोष और दीपों की माला से गूँज उठेगा, जो काशी की आध्यात्मिक धरोहर को फिर से जीवित कर देगा।यह आयोजन न केवल धार्मिक महोत्सव है, बल्कि काशी की संस्कृति, विरासत और पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। देव दीपावली वाराणसी को विश्व मानचित्र पर धार्मिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से प्रमुख स्थान दिलाने वाला एक अद्वितीय उत्सव है।इस प्रकार, 2025 का देव दीपावली काशी में आस्था और भव्यता का एक ऐसा संगम होगा जो इतिहास में अमर रहेगा।
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