नई दिल्ली। देश में पहचान संबंधी सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में शामिल आधार कार्ड को लेकर केंद्र सरकार और UIDAI ने आम नागरिकों की सुविधा के लिए कई बड़े बदलाव लागू किए हैं। ये नियम 01 नवम्बर से प्रभावी हो गए हैं। अब नागरिकों को आधार अपडेट कराने के लिए आधार सेवा केंद्रों के चक्कर लगाने की आवश्यकता काफी हद तक कम हो जाएगी। UIDAI ने डेमोग्राफिक अपडेट की प्रक्रिया में व्यापक सुधार करते हुए इसे अधिक सरल, तेज और पारदर्शी बनाया है। साथ ही आधार–पैन लिंकिंग को भी अनिवार्य कर दिया गया है। UIDAI ने आधार से संबंधित डेमोग्राफिक विवरण संशोधन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को और सक्षम व आधुनिक बनाया है। इसके तहत नाम, पता, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ अब घर बैठे ही ऑनलाइन अपडेट की जा सकेंगी। नई प्रणाली सरकारी रिकॉर्ड आधारित वेरिफिकेशन मॉडल पर कार्य करेगी। यानी पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे वैध सरकारी दस्तावेज़ों के आधार पर विवरण स्वतः सत्यापित हो जाएगा। इससे दस्तावेज़ अपलोड करने या सत्यापन के लिए केंद्र जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस परिवर्तन से प्रक्रिया तेज होगी और नागरिकों का समय व श्रम दोनों की बचत होगी। UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार विवरण का ऑनलाइन अद्यतन 14 जून 2026 तक पूरी तरह नि:शुल्क रहेगा। इसके बाद निर्धारित शुल्क लागू होंगे। महत्वपूर्ण रूप से 5–7 वर्ष एवं 15–17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट पहले की तरह आगे भी निःशुल्क रहेंगे।आधार–पैन लिंक करना अनिवार्य, 31 दिसंबर 2025 अंतिम तिथि है। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार–पैन लिंक करना अब अनिवार्य है। पैन और आधार को लिंक करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।निर्धारित तिथि तक लिंकिंग न कराने की स्थिति में 1 जनवरी 2026 से संबंधित व्यक्ति का पैन निष्क्रिय माना जाएगा। साथ ही किसी भी नए पैन कार्ड के लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। UIDAI ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपने आधार विवरणों की जांच कर अद्यतन कर लें तथा आधार–पैन लिंक अवश्य सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में किसी वित्तीय या सरकारी सेवाओं में बाधा का सामना न करना पड़े। आधार आधारित सेवाओं के इस नए दौर से देश में डिजिटल शासन एवं नागरिक सुविधाओं के विस्तार को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।









