ब्रेकीथेरेपी से नई उम्मीदस्वास्थ्य क्षेत्र में प्रोस्टेट कैंसर के इलाज की दिशा में एक नई क्रांति आ गई है। ब्रेकीथेरेपी नामक यह आधुनिक तकनीक मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो बिना किसी बड़ी सर्जरी यानी चीरे के, और न्यूनतम दर्द के साथ कैंसर को ठीक करने में सक्षम है।प्रोस्टेट कैंसर, जो पुरुषों में खासा आम रोग है, अब इस चिकित्सा पद्धति से बहुत ही प्रभावी ढंग से उपचारित किया जा सकता है। ब्रेकीथेरेपी में रेडियोधर्मी विकिरण स्रोत सीधे कैंसरग्रस्त प्रोस्टेट में शरीर के अंदर से लगाया जाता है। इस विकिरण का असर सीधे कैंसर कोशिकाओं पर पड़ता है, जिससे वे नष्ट हो जाती हैं लेकिन आसपास के स्वस्थ ऊतकों को नुकसान नहीं होता।इस तकनीक के सबसे बड़े फायदे हैं कि इसमें ना तो कोई बड़ी सर्जरी होती है और ना ही रोगी को अधिक समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है। साथ ही, यह प्रक्रिया होम या क्लिनिक में ही की जा सकती है, जिससे खर्च भी अपेक्षाकृत कम आता है। इसके अलावा, इलाज के बाद तेजी से रिकवरी होती है और मरीज सामान्य जीवन में जल्दी लौट सकते हैं।यह इलाज खासकर उन मरीजों के लिए वरदान है जिनके लिए शल्य चिकित्सा जोखिम भरा या असुविधाजनक होती है। ब्रेकीथेरेपी की सफलता दर भी काफी उच्च मानी जाती है, और इसके साइड इफेक्ट पारंपरिक उपचारों से कम होते हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक देश में कैंसर से जूझ रहे लाखों मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण सिद्ध हो सकती है। इसलिए, प्रोस्टेट कैंसर का इलाज कराने वाले मरीज और उनके परिजन इस विकल्प के बारे में जागरूक हों और डॉक्टरों से सलाह अवश्य लें।स्वास्थ्य व्यवस्था में इस प्रगति ने यह साबित कर दिया है कि विज्ञान और तकनीक के उचित इस्तेमाल से कितनी सरलता और सुकून के साथ जीवन बचाया जा सकता है।









