हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के हरोली में बनने वाला बल्क ड्रग पार्क अपनी निर्माण प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत 45,600 पेड़ों की कटाई प्रस्तावित है, जिससे पर्यावरण प्रभावित होगा, लेकिन इसे औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक कदम माना जा रहा है। बल्क ड्रग पार्क में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिसमें केंद्र सरकार 996.45 करोड़ और राज्य सरकार 1,074.55 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह परियोजना 1,402.44 एकड़ भूमि में विकसित की जा रही है।बल्क ड्रग पार्क में पहले चरण में 50 फार्मा कंपनियां कच्चा माल बनाएंगी और उत्पादन दिसंबर 2026 से शुरू होने का लक्ष्य है। इस पार्क से प्रदेश के करीब 35,000 लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे क्षेत्र की आर्थिक संभावनाएं बहुत मजबूत होंगी। इसके अतिरिक्त, पार्क में सड़कें, पुल, बॉउंड्री वॉल और वर्षा शालिका समेत साइट डेवलपमेंट कार्य चल रहे हैं, जिनके लिए 225 करोड़ रुपये की लागत से ठेके जारी हो चुके हैं।प्रोजेक्ट में औद्योगिक अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए सोलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट भी विकसित किया जाएगा, जिससे प्रदूषण नियंत्रण के साथ गंदे पानी को साफ कर खेतों में सिंचाई के लिए उपयोग किया जाएगा। यह पहल हिमाचल प्रदेश को फार्मा उद्योग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और चीन के कच्चे माल पर_dependency को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।यह बल्क ड्रग पार्क न केवल प्रदेश में औद्योगिक क्रांति लाएगा, बल्कि भारत को वैश्विक फार्मा हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। सरकार की ओर से इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता दी गई है और मार्च 2026 तक निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।यह पार्क हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करेगा और क्षेत्रीय रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि करेगा। केंद्र एवं राज्य सरकारों के सहयोग से यह परियोजना फार्मा क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खोलेगी तथा प्रदेश के आर्थिक स्वरूप को मजबूत बनाएगी।यह खबर हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिसमें पर्यावरणीय चुनौतियों के साथ सामाजिक-आर्थिक लाभों का संतुलन तलाशा जा रहा है।









