जमानिया। महावीर नगर स्थित द्रोणा आर्चरी अकादमी शूटिंग रेंज में शनिवार को ग़ाज़ीपुर डिस्ट्रिक्ट आर्चरी चैंपियनशिप का भव्य और सफल आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता में ज़िले भर से आए युवा और वरिष्ठ तीरंदाज़ों ने शानदार प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिलदारनगर नगर पंचायत के चेयरमैन अविनाश जायसवाल उर्फ नेपाली रहे, जिनका स्वागत ज़िला आर्चरी संघ के सचिव नंदू दुबे ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। मुख्य अतिथि ने खिलाड़ियों को संबोधित
करते हुए कहा कि “ग़ाज़ीपुर ज़िला प्रतिभाओं से भरा पड़ा है। ऐसे आयोजन खिलाड़ियों को निखरने और राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने का अवसर प्रदान करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि दिलदारनगर में भी भविष्य में आर्चरी प्रतियोगिता आयोजित कराने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान सतीश दुबे की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन खेल संस्कृति को नई दिशा देते हैं और युवाओं में अनुशासन तथा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। प्रतियोगिता में विभिन्न आयु वर्गों और वर्गों (रिकार्व एवं इंडियन राउंड) में तीरंदाज़ों के बीच रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। रिकार्व राउंड में निशांत सिंह (649 स्कोर) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि यश मौर्य (595 स्कोर) द्वितीय और आदित्य उपाध्याय (592 स्कोर) तृतीय स्थान पर रहे। वहीं इंडियन राउंड में सुशील यादव (688 स्कोर) ने सबसे अधिक अंक बनाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। रोहित कुमार (677 स्कोर) द्वितीय और उमेश पाल (670 स्कोर) तृतीय स्थान पर रहे।सभी विजेताओं को मुख्य अतिथि अविनाश जायसवाल ‘नेपाली’ एवं सतीश दुबे द्वारा मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।प्रतियोगिता का संचालन और स्कोरिंग कार्य संस्था के राष्ट्रीय खिलाड़ियों — संदीप, नमिता, अमीषा, इमरान, शुभम, राकेश और आयुष — द्वारा किया गया। आयोजन में खिलाड़ियों के अभिभावकों और खेल प्रेमियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। कार्यक्रम के अंत में ज़िला आर्चरी संघ ने सभी अतिथियों, निर्णायकों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में और भी बड़े स्तर पर प्रतियोगिताएँ आयोजित करने की घोषणा की।ग़ाज़ीपुर में आयोजित यह चैंपियनशिप न केवल खिलाड़ियों के लिए प्रतिस्पर्धा का मंच बनी, बल्कि ज़िले में तीरंदाजी खेल को नई ऊर्जा और पहचान देने का कार्य भी किया। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि ग़ाज़ीपुर की मिट्टी में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं, बस उन्हें अवसर और प्रोत्साहन की आवश्यकता है।









