वाराणसी/नई दिल्ली — रक्षा मंत्रालय ने आज घोषणा की कि ऑपरेशन सिंदूर में असाधारण पराक्रम दिखाने वाले ग्रुप कैप्टन अनिमेष को वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि अनिमेष की सूझ-बूझ और अदम्य साहस की वजह से ऑपरेशन के निर्णायक चरण में असंख्य जानें और महत्वपूर्ण सामरिक सफलता सुनिश्चित हुई। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ग्रुप कैप्टन अनिमेष को संवेदनशील टोही और हवाई हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कठिन मौसम, कड़ी वायु रक्षा और सीमावर्ती खतरों के बावजूद उन्होंने स्पष्ट बुद्धिमत्ता और निर्भीक नेतृत्व का परिचय दिया। मिशन में पाकिस्तानी ठिकानों को लक्षित कराकर दुश्मन के संचार और रसद नेटवर्क को भंग किया गया, जिससे आगे की सैन्य कार्रवाई के मार्ग सुगम हुए। ऑपरेशन के दौरान अनिमेष ने बहादुरी के साथ संकटग्रस्त विमान व साथियों की रक्षा सुनिश्चित की,कम दूरी पर सटीक निशानेबाज़ी और समय पर निर्णय लेने से संभावित बड़े नुकसान टला गया और उनके नेतृत्व में टीम ने तेज-तर्रार परिस्थितियों में भी अनुशासन और समन्वय बनाए रखा। अधिकारिक प्रक्रिया और सम्मान रक्षा अधिकारियों ने बताया कि उनके समर्पण और बहादुरी को देखते हुए स्ट्राइक कमांड तथा उच्च नेतृत्व ने नॉमिनेशन तैयार कर राष्ट्रपति के समक्ष सिफारिश की — जिसे मंज़ूरी मिलते ही वीर चक्र हेतु अनुशंसा औपचारिक रूप से स्वीकृत कर दी गई। समारोह की तारीख और स्थान की आधिकारिक घोषणा जल्द की जाएगी, रक्षा मंत्रालय द्वारा कहा गया है। सैन्य और राजनीतिक प्रतिक्रिया स्थानीय कमान और सहकर्मियों ने अनिमेष के साहस की प्रशंसा की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उनका प्रदर्शन जवानों के लिए प्रेरणा है — कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने सूझ-बूझ से निर्णय लिए और मिशन की सफलता सुनिश्चित की।” राजनीतिक और प्रशासकीय स्तरीय बधाइयाँ भी मिल रही हैं, देश भर में उनके पराक्रम की चर्चा हो रही है। परिवार एवं समुदाय की प्रतिक्रिया अनिमेष के परिवार और गृह नगर में उत्साह और गर्व का माहौल है। परिजनों ने कहा कि यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। स्थानीय नागरिकों ने बहादुरी पर तालियाँ बजाकर और फूल चढ़ाकर उनका स्वागत किया। ऑपरेशन सिंदूर में गजब के साहस और नेतृत्व का परिचय देने वाले ग्रुप कैप्टन अनिमेष को वीर चक्र मिलना न सिर्फ उनके व्यक्तिगत पराक्रम की मान्यता है, बल्कि यह सेना की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है जो राष्ट्र की अखण्डता और सुरक्षा के प्रति है। आने वाले दिनों में जैसे ही समारोह और अधिक विस्तृत जानकारी सार्वजनिक होगी, उससे जुड़े औपचारिक विवरण साझा किए जाएंगे।









