वाराणसी। डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों से जनता को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सहायक पुलिस आयुक्त चेतगंज ईशान सोनी ने गुरुवार को जैतपुरा थाना क्षेत्र में व्यापारियों के बीच साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने व्यापारिक समुदाय को डिजिटल ठगी के नवीन तरीकों व बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एसीपी सोनी ने खुद मोर्चा संभालते हुए डिजिटल गिरफ्तारी, ऑनलाइन निवेश घोटाले, फर्जी ऋण मोबाइल एप्स, आपातकालीन कॉल/ईमेल के नाम पर धोखाधड़ी, केवाईसी अपडेट फ्रॉड, फिशिंग-स्मिशिंग, मैलवेयर अटैक जैसे तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी अब लगातार नई तकनीकें अपनाकर लोगों को ठगने के प्रयास में लगे रहते हैं, इसलिए सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।उन्होंने कहा, “आज के दौर में किसी भी लिंक, कॉल या मैसेज पर भरोसा करने से पहले सत्यापन बेहद जरूरी है। डिजिटल सावधानी बरतकर ही ठगी से बचा जा सकता है।”कार्यक्रम में एसीपी सोनी ने व्यापारियों को हाल ही में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून ,भारतीय न्याय संहिता (BNS),भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(BNSS)और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के महत्वपूर्ण प्रावधानों से भी अवगत कराया। उन्होंने विशेष रूप से जीरो एफआईआर, अपराध स्थल की वीडियो रिकॉर्डिंग, मुकदमों के समयबद्ध निस्तारण जैसे अहम बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्वरित और वैज्ञानिक बनाना है, जिससे आम नागरिकों और व्यापारियों को बेहतर सुरक्षा व न्याय मिल सके। पुलिस की इस पहल को व्यापारियों ने सराहा और कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होने चाहिए ताकि व्यापारिक वर्ग डिजिटल अपराधों और कानून से संबंधित जानकारी से लैस रह सके। व्यापारियों ने कहा कि जागरूकता से न केवल ठगी से बचाव संभव है, बल्कि कानूनी प्रक्रिया और अधिकारों की समझ भी मजबूत होती है।









