वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा सत्र 2024-26 के बी.एड. प्रशिक्षुओं के लिए आयोजित शिक्षण अभ्यास सत्र का समापन गुरुवार को बी.पी. गुजरात इंटर कॉलेज, काल भैरव में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र राम ने कहा कि शिक्षण अभ्यास का उद्देश्य भावी शिक्षकों को वास्तविक शिक्षण परिस्थितियों से परिचित कराना है, ताकि वे सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक कौशलों का भी अनुप्रयोग कर सकें। उन्होंने तथागत गौतम बुद्ध के उपदेश ‘अप्प दीपो भव’ का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक अध्यापक स्वयं सशक्त और जागरूक नहीं होगा, तब तक वह अपने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर नहीं बना सकता। अध्यापक को दीपक की तरह स्वयं प्रकाशित होकर दूसरों में ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए।बी.पी. गुजरात इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शशिप्रकाश गौतम ने कहा कि बच्चों की मूल प्रवृत्तियों के परिष्कार एवं उनके समुचित मार्गदर्शन के लिए अध्यापक का समुचित प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। अभ्यास शिक्षण से प्रशिक्षुओं को शिक्षण की जटिलताओं को समझने और अपनी शैली में सुधार करने का अवसर मिलता
है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे कुशल शिक्षक के रूप में विकसित होते हैं। कार्यक्रम में बबीता, रीता, गुरुप्रसाद, गौरव, विनय, नीतू, प्रांजल, विपिन, संपूर्णानंद, नजीर, रोहित, इशिका आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन धनंजय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दिनेश कुमार ने किया।









