वाराणसी, 19 नवंबर 2025। वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश, लखनऊ के आह्वान पर प्रदेशभर में चल रहे व्यापक आंदोलन के दूसरे चरण के तहत बुधवार को वाराणसी शाखा के पेंशनरों ने अपनी आवाज सांसद तक पहुंचाई। वाराणसी के सांसद माननीय श्री नरेंद्र मोदी को संबोधित मांगपत्र सांसद कार्यालय में संस्थान के जिला मंत्री जयराज बहादुर सिंह द्वारा औपचारिक रूप से हस्तगत कराया गया। इसी क्रम में जिले के सभी माननीय विधायकों को भी समर्थन हेतु पत्र दिए जा रहे हैं। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में इंजीनियर आनंद लाल, दीपेंद्र कुमार श्रीवास्तव, बंसीलाल जायसवाल, पूजन पाल सहित कई वरिष्ठ पेंशनर मौजूद रहे। संस्थान द्वारा निर्धारित आंदोलन कार्यक्रम के प्रथम चरण के अंतर्गत 1 नवंबर से 15 नवंबर 2025 तक पेंशनरों ने अपने घरों और क्षेत्रों में जाकर जनजागरण अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने पेंशन व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं, लंबित दावों और वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा के मुद्दों पर जनमानस को अवगत कराया। आंदोलन का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण 29 नवंबर 2025 को दोपहर 1 बजे आयोजित होगा। वाराणसी के सभी पेंशनर कचहरी चौराहा से जिला मुख्यालय (बरगद का पेड़) तक मौन जुलूस के रूप में पदयात्रा करेंगे। विशेष रूप से, पेंशनर कटोरी-चम्मच बजाकर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करेंगे। जुलूस के अंत में मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र जिला प्रशासन को अग्रसारण हेतु सौंपा जाएगा। पेंशनरों द्वारा प्रस्तुत मांगपत्र में उनकी प्रमुख और लंबे समय से लंबित मांगें शामिल हैं— पेंशनरों का डिजिटल परिचय पत्र जारी किया जाए, पेंशनर सलाहकार समिति में संस्थान को औपचारिक रूप से शामिल किया जाए, सभी चिकित्सा दावों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से निजी अस्पतालों में समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए,65, 70 और 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर क्रमशः पेंशन वृद्धि अनिवार्य रूप से लागू की जाए, राशि कटौती की अवधि को 11 वर्ष निर्धारित किया जाए।पेंशनरों ने स्पष्ट कहा कि यह आंदोलन किसी टकराव के लिए नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन, समुचित स्वास्थ्य सुविधा और वृद्धजन कल्याण की बुनियादी जरूरतों के लिए है। उनका मानना है कि समय रहते सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल करेगी तो लाखों वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। संस्थान ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और भी व्यापक किया जाएगा।









