वाराणसी। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति के विशेष अभियान फेज़-5 के तहत एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय एंटी-रैगिंग, महिला उत्पीड़न निवारण समितियों का सक्रियकरण एवं महिला समस्या निराकरण रहा।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन हमारे समाज के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि “मिशन शक्ति” अभियान को विश्वविद्यालय पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रहा है। भारतीय संस्कृति में नारी को सृजन, संवेदना और शक्ति का प्रतीक माना गया है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है—“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता”, अर्थात जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहीं ईश्वरीय गुणों का वास होता है।मुख्य वक्ता प्रो. शैलेश कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन “मिशन शक्ति” की मूल भावना का केंद्र है। इस अभियान के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षित वातावरण, आत्मसम्मान की रक्षा और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शिक्षा, कौशल एवं रोजगार अवसर उपलब्ध कराने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।समन्वयक प्रो. विद्या कुमारी चन्द्रा (विभागाध्यक्ष, आधुनिक भाषा एवं भाषाविज्ञान विभाग) ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए 16 दिवसीय चल रहे अभियान के तहत आयोजित विविध कार्यक्रमों की जानकारी दी और मिशन शक्ति की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर डॉ. विमल कुमार त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकगण व छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।









