पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने 25 अक्टूबर 2025 को चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन बिंदु पर 23वीं कोर कमांडर स्तर की वार्ता की। यह बातचीत सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई, जिसमें पश्चिमी सीमाक्षेत्र की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति, स्थिरता और विश्वास बहाली को लेकर गहन चर्चा की गई । विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने सीमा पर टकराव से बचने, शांति बनाए रखने और भविष्य में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सैन्य व कूटनीतिक चैनल सक्रिय रखने पर सहमति जताई। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और चीन के रिश्तों में तनाव के बावजूद संवाद और बातचीत की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।।गत वर्षों में दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष, विशेषकर 2020 के गलवान घाटी प्रकरण के बाद यह वार्ताएं ज़मीनी हालात बेहतर करने की दिशा में निरंतर चल रही हैं। हालिया बैठक में रणनीतिक इलाकों जैसे देपसांग और डेमचोक जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई—हालांकि इन क्षेत्रों में अब भी जमीनी मतभेद बाकी हैं। फिर भी, इस बातचीत से दोहराया गया कि दोनों पक्ष ‘कोई भी उकसाऊ कार्रवाई नहीं करेंगे’ तथा यथास्थिति को संरक्षित रखेंगे।









