मिर्जामुराद (वाराणसी)। गौर गांव स्थित वंशनारायण सिंह महिला महाविद्यालय में दिवंगत सौरभ सिंह की जयंती के अवसर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन बुधवार को कथा व्यास परम पूज्य पंडित आनंद मिश्रा ‘पाराशर’ ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का दिव्य वर्णन कर उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। पंडित पाराशर ने पूतना वध प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि पूतना जब दर्द से कराहते हुए भगवान से छोड़ देने की विनती कर रही थी, तब श्रीकृष्ण ने कहा — “मैं जल्दी पकड़ता नहीं, और जब पकड़ लेता हूं तो उद्धार कर के ही छोड़ता हूं।” उन्होंने कहा कि यह प्रसंग दर्शाता है कि प्रभु केवल पाप का दंड नहीं देते, बल्कि उद्धार का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। इसके बाद उन्होंने गोवर्धन पूजा की कथा सुनाते हुए कहा कि “प्राणी अपने कर्मों के द्वारा ही सुख-दुख, भय और क्षेम को प्राप्त करता है।” जब देवराज इंद्र ने क्रोधित होकर मूसलधार वर्षा की, तब भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर दैवीय शक्ति और करुणा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।कथा के दौरान पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु “जय श्रीकृष्ण” और “राधे-राधे” के जयघोष से गूंज उठे। कथा श्रवण के लिए महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों की अपार भीड़ उमड़ी रही।इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामप्रकाश दुबे, भदोही जिले के ब्यूरो चीफ वरुण कुमार पांडे, सुरेश सिंह गौतम, प्रेमनाथ तिवारी, संजीव सिंह गौतम, प्रवीण सिंह गौतम, संजय मिश्रा, इंदुशेखर सिंह, विनय सिंह, सविता सिंह, डॉ. आशुतोष उपाध्याय, योगेश सिंह, डॉ. विजय सिंह, अभिषेक त्रिपाठी ‘सुमित’, आर्यन त्रिपाठी, सौम्या सिंह, शालू सिंह, डॉ. अंजना सिंह, डॉ. संगीता सिंह, गौरव उपाध्याय, मुकेश यादव, संगीता, स्नेहा, राजेश सिंह, वीरेंद्र विश्वकर्मा, रामजी यादव सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संगीताचार्य अंकित मिश्रा, मयंक पांडेय, अभिनव पांडेय, विपिन पांडेय व यश त्रिपाठी ने भजनों की मधुर प्रस्तुतियों से कथा वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया।









