वाराणसी। भारतीय रेल के अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारी श्री सोमेश कुमार ने गुरुवार को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया। वह वर्तमान में रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली में अतिरिक्त सदस्य (ट्रैक्शन) के रूप में कार्यरत हैं। उनके कार्यभार ग्रहण करने पर बरेका प्रशासन और कर्मचारियों में खुशी का माहौल देखा गया। भारतीय रेल सेवा के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कैडर (IRSEE) के 1987 बैच के अधिकारी रहे श्री कुमार ने वर्ष 1991 में झाँसी मंडल से सहायक विद्युत इंजीनियर के रूप में अपने सेवाकाल की शुरुआत की थी। लगभग 34 वर्षों के शानदार कार्यकाल में उन्होंने भारतीय रेल के कई महत्त्वपूर्ण मंडलों और जोनल इकाइयों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान की हैं। झाँसी, बरेका, भोपाल, नागपुर, अंबाला, लखनऊ, सिकंदराबाद और चेन्नई जैसे प्रमुख रेलवे क्षेत्रों और उत्पादन इकाइयों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिकंदराबाद स्थित दक्षिण मध्य रेलवे में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर के रूप में कार्य करते हुए श्री कुमार ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता हासिल की। उनके नेतृत्व में दक्षिण मध्य रेलवे ने राष्ट्रीय स्तर पर चार ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्राप्त किए, जो किसी भी क्षेत्रीय रेलवे द्वारा प्राप्त सर्वाधिक सम्मान हैं। इसी अवधि में विभिन्न मंडलों को पाँच राज्य स्तरीय और छह CII पुरस्कार भी मिले। श्री कुमार के कार्यकाल में नागपुर मंडल ने रेलवे सप्ताह 2018-19 में 7 शील्ड और 2019-20 में 8 शील्ड हासिल कीं। इसके अलावा, माल परिवहन में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए उन्हें रेलवे बोर्ड द्वारा विशेष प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया। दक्षिण रेलवे, चेन्नई में प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी के रूप में रहते हुए उन्होंने सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। व्यापक सुरक्षा ऑडिट और सेफ्टी ड्राइव्स के चलते उस अवधि में दक्षिण रेलवे में कोई गंभीर रेल दुर्घटना दर्ज नहीं हुई, जो उनकी प्रभावी कार्यशैली का प्रमाण है। दक्षिण रेलवे में प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर रहते हुए श्री कुमार ने 100% विद्युतीकरण, क्रू प्रबंधन प्रणाली के आधुनिकीकरण और तकनीकी दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से संचालन क्षमता और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिली। गौरतलब है कि श्री सोमेश कुमार का बरेका से पहले भी गहरा संबंध रहा है। मार्च 2005 से नवंबर 2011 तक उन्होंने यहाँ उप मुख्य डिजाइन इंजीनियर (ई.एम.) के रूप में कार्य किया था। बरेका की कार्य प्रणाली और चुनौतियों से भली-भाँति परिचित श्री कुमार के लौटने से उत्पादन इकाई में नई ऊर्जा और विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों ने विश्वास व्यक्त किया है कि उनके नेतृत्व में बरेका में उत्पादन क्षमता, तकनीकी नवाचार और गुणवत्ता मानकों को नया आयाम मिलेगा। साथ ही ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा में भी और मजबूती आएगी।









