उत्तर प्रदेश के फतेहाबाद टोल प्लाजा पर दिवाली पर मिलने वाले बोनस को लेकर कर्मचारी नाराज हो गए और गुस्से में टोल गेट खोल दिए। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब टोल प्लाजा के 21 कर्मचारियों को श्री साईं एंड दातार कंपनी द्वारा दिवाली बोनस के रूप में मात्र 1100 रुपये दिए गए। जबकि पिछले वर्ष इन्हें 5000 रुपये का बोनस मिला था। कर्मचारियों ने इसे अपमानजनक बताया और बोनस कम मिलने पर विरोध स्वरूप काम बंद कर टोल टैक्स के बूम बैरियर उठा दिए।इस कारण धनतेरस के दिन लगभग दो घंटे तक हजारों वाहन बिना कोई टोल टैक्स दिए इसी एक्सप्रेसवे से निकल गए, जिससे कंपनी को 25-30 लाख रुपये का भारी नुकसान हुआ। कर्मचारियों का कहना था कि वे पूरे साल मेहनत करते हैं और वर्ष का पूरा बोनस मिलने का हकदार हैं। वहीं कंपनी का तर्क था कि मार्च 2025 में ठेका मिला है इसलिए पूरे साल का बोनस देना व्यावहारिक नहीं है।स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और टोल अधिकारियों ने कर्मचारियों को 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि का आश्वासन दिया। इसके बाद दो घंटे के प्रदर्शन के बाद कर्मचारी काम पर लौट आए और टोल संचालन फिर से शुरू हो गया। इस दौरान एक्सप्रेसवे पर टोल फ्री होने से यात्रियों को अस्थायी फायदा तो मिला, लेकिन कंपनी को बड़ा आर्थिक झटका लगा। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी खासा विवाद और चर्चा पैदा की है।यह घटना टोल संचालन कम्पनी और कर्मचारियों के बीच बोनस भुगतान को लेकर असहमति की मिसाल साबित हुई, जिसे प्रशासनिक पहल से ही शांत कराया जा सका। भविष्य में ऐसे विवादों को टालने के लिए बेहतर संवाद और पारदर्शिता आवश्यक है ताकि यातायात सुचारू रूप से चलता रहे और दोनों पक्ष संतुष्ट हो।









