जमानियां (गाजीपुर)। ऐसे ही नहीं कहते कि परिवार के कलह से इंसान बिखर जाता है। आज एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 30 वर्षीय महिला सुषमा देवी, पत्नी दिनेश बिंद, क्षेत्र के हेतिमपुर डेरा की निवासी, पारिवारिक विवाद से तंग आकर मौत को अपनी गंगा नदी में छलांग लगाकर आमंत्रित करने पहुंच गई थी। मंगलवार की अलसुबह जब सुषमा ने जमानियां के पक्का पुल से नदी में कूदना मुनासिब समझा, तब पुलिस की तत्परता और जाबांज सिपाही अनूप कुमार राय की बहादुरी ने उनकी जान बचाई। नाव की मदद से डूब रही महिला को बचाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार कराया गया। पुलिस ने परिजनों को बुलाकर संवाद स्थापित कर पारिवारिक कलह को सुलझाने की पहल की। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह ने महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने व जाबांज सिपाही को उनके साहसी प्रयासों के लिए सराहा है।इस घटना से यह संदेश भी मिलता है कि परिवार के भीतर चल रहे कष्ट और मानसिक दबाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। समय रहते प्रयास और समझदारी से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। सुषमा देवी की इस दुखद स्थिति में पुलिस की तत्परता ने एक नया जीवन दिया है। यह अधोमुखी व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता भी रेखांकित करता है, जिससे ऐसे मामलों में त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया दर्ज की जा सके।यह खबर परिवार, समाज और प्रशासन को एक संदेश है कि जीवन से बड़ा कोई धरोहर नहीं, और संघर्षों के समाधान के लिए संवाद व सही मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है।









