नई दिल्ली/चंडीगढ़। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ताज़ा जांच रिपोर्ट में पंजाब में निर्मित 11 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इन दवाओं को मोहाली, जालंधर और गुरदासपुर स्थित विभिन्न फार्मा कंपनियों में तैयार किया गया था। रिपोर्ट जारी होने के बाद औषधि नियंत्रण विभाग ने इन दवाओं की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सीडीएससीओ की नियमित गुणवत्ता जांच अभियान के तहत देशभर से दवाओं के सैंपल एकत्र किए गए थे। इनमें से पंजाब की कई कंपनियों के सैंपल परीक्षण में असफल पाए गए। अधिकारियों के अनुसार, कुछ दवाओं में सक्रिय तत्वों की मात्रा मानक से कम, जबकि कुछ में शुद्धता, घुलनशीलता और स्थिरता संबंधी गंभीर खामियां पाई गईं। संगठन ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि इन दवाओं की बिक्री, भंडारण और वितरण तुरंत रोका जाए। इसके साथ ही बाजार में उपलब्ध स्टॉक की पहचान कर रिकॉल प्रक्रिया भी शुरू की जाए। संबंधित फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार, फेल हुई दवाओं में एंटीबायोटिक, दर्दनिवारक, बुखार और संक्रमण से जुड़ी दवाएं शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कुछ सैंपल में लेबलिंग में त्रुटियां और निर्माण प्रक्रिया में मानक उल्लंघन पाए गए हैं। औषधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सीडीएससीओ हर महीने देशभर में सैकड़ों दवाओं की जांच करता है, ताकि नकली या घटिया गुणवत्ता वाली दवाएं बाजार तक न पहुंचें। फिलहाल केंद्रीय टीम राज्य औषधि नियंत्रण विभाग के साथ मिलकर उल्लेखित कंपनियों की इकाइयों में निरीक्षण कर रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने वाली कंपनियों के खिलाफ उत्पादन लाइसेंस निलंबन या रद्द करने तक की कार्रवाई संभव है।









