चंडीगढ़, 2 नवंबर 2025 । पंजाब में रविवार की सुबह अखबारों की सप्लाई अचानक बाधित हो गई, जिससे राज्य के कई जिलों में लोग नाराज और चिंतित नजर आए। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात पुलिस ने इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर अखबार वितरण वाहनों की सघन तलाशी शुरू कर दी, जो मोगा, फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, और होशियारपुर जैसे बड़े शहरों एवं कस्बों में अखबारों की डिलीवरी में लंबी देरी का कारण बनी। पुलिस का दावा है कि जांच आतंकवाद और ड्रग्स तस्करी को रोकने के मकसद से की गई, क्योंकि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ वाहनों का गलत इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन इस कार्रवाई ने राजनीतिक और मीडिया जगत में भारी विवाद और आलोचना को जन्म दिया है।पुलिस की गिरफ्त में अखबार गाड़ियां, सुरक्षा इनपुट बताए गए कारण पंजाब पुलिस ने बताया कि उन्हें पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा हथियार और ड्रोन के जरिये सीमा पार से विस्फोटक पहुंचाने की आशंका के चलते अधिक सतर्कता बरतनी पड़ी। इसीलिए उन्होंने संदिग्ध वाहनों की जांच तेज़ कर दी, जिसमें अखबार वितरण के वाहन भी शामिल थे। पुलिस ने स्पष्ट किया कि गाड़ियों और चालकों को केवल सुरक्षा जांच के लिए रोका गया था, किसी भी मीडिया संस्थान को निशाना नहीं बनाया गया। तलाशी पूरी होने के बाद वाहनों को छोड़ दिया गया। हालांकि, जनता को देर से अखबार मिलने की वजह से भारी असंतोष और गुस्सा देखने को मिला।विपक्ष ने की कड़ी आलोचना, भाजपा-कांग्रेस ने बताया प्रेस आज़ादी पर हमला, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला और लोकतंत्र के चौथे खंभे पर गंभीर प्रहार करार दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसे “साइलेंट इमरजेंसी” कहते हुए पिछले इमरजेंसी दौर से तुलना की। भाजपा ने भी इसे सरकार द्वारा छपने वाली खबरों को रोकने की एक साजिश बताया, खासकर हालिया ‘शीश महल 2.0’ विवाद को छुपाने के लिए। भाजपा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वे मीडिया की आवाज दबा रहे हैं और जनता से सचमुच की खबरें छुपा रहे हैं। परिषद और अन्य पत्रकार संगठनों ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे प्रेस की आज़ादी की धज्जियां उड़ाने वाला कदम बताया।अखबार विक्रेता-वितरक और जनता में नाराज़गी अखबार वितरकों ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सप्लाई इतनी व्यापक रूप से प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि वे लोग भी दबाव में थे क्योंकि पुलिस ने वाहनों को घंटों रोका रखा था। पाठकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से गुस्सा जताया और पुलिस की इस कार्रवाई को आतंकवाद के दिनों जैसी परिस्थिति बताया। कई शहरों में अखबार सुबह-सवेरे नहीं पहुंच पाने पर लोग पत्रकारिता और लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता में हैं। पंजाब में पुलिस की सुरक्षा जांच के नाम पर अखबारों की सप्लाई में देरी ने राज्य में बड़ा राजनीतिक और सामाजिक विवाद उत्पन्न कर दिया है। जहां पुलिस अपनी कार्रवाई को सुरक्षा के लिए आवश्यक बताती है, वहीं विपक्ष और मीडिया इसे लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा मान रहे हैं। यह विवाद पंजाब की सियासत और मीडिया स्वतंत्रता के मुद्दे को नई चर्चा में ला चुका है। पंजाब की जनता के लिए रविवार की सुबह अखबारों की अनुपस्थिति एक बड़ा सदमा रही, जो आने वाले दिनों में इस मामले की जांच और विवाद को और बढ़ा सकती है।









