वाराणसी। विश्व की आध्यात्मिक राजधानी काशी देव दीपावली के पावन अवसर पर एक बार फिर दिव्य प्रकाश की अनंत धारा में डूबने जा रही है। इस वर्ष अस्सी घाट पर गंगा सेवा समिति द्वारा आयोजित महाआरती परंपरा, नवाचार, राष्ट्रगौरव और नारी शक्ति के अनूठे संगम का साक्षी बनेगी। घाट पर ऐसी भव्यता और आध्यात्मिक अलंकरण की तैयारी है, जो श्रद्धालुओं के हृदय में अविस्मरणीय स्मृति बन जाएगी। गंगा सेवा समिति के तत्वावधान में होने वाले इस कार्यक्रम में इस वर्ष विशेष संदेश देने की तैयारी है — आरती महिलाओं को समर्पित होगी तथा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की भव्य रंगोली बनाई जाएगी। यह चित्रांकन नारी शक्ति के उत्थान और सम्मान का प्रतीक बनेगा। समिति के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्र ने बताया कि इस वर्ष की महाआरती की तैयारियाँ पहले से अधिक व्यापक और सुसंगठित हैं। कुल 7 अर्चक एक साथ वैदिक विधि-विधान और मंत्रोच्चार के बीच गंगा मैया की महाआरती करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रभक्ति के स्वर से होगी, जहाँ आगंतुक वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इस क्षण में शंखनाद, घंटियों की ध्वनि और दीपों का प्रकाश माहौल को जनभक्ति और अध्यात्म से आलोकित कर देगा। भक्ति और प्रकृति के समन्वय हेतु इस बार पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था की गई है। आरती स्थल पर 5 हजार गोबर के दीप प्रज्वलित किए जाएँगे, जबकि पूरा अस्सी घाट 1 लाख दीपों की रोशनी से सुसज्जित होगा। इन दीपों की अनगिनत ज्योतियाँ जब गंगा के जल पर प्रतिबिंबित होंगी, तो दृश्य मानो धरती पर उतरे स्वर्ग का अनुभव कराएगा। अस्सी घाट के विभिन्न हिस्सों को स्कूली विद्यार्थियों द्वारा 21 थीम आधारित रंगोलियों से सजाया जाएगा। इन रंगोलियों में धार्मिक प्रतीक, गंगा संरक्षण का संदेश, स्वच्छता अभियान की थीम और राष्ट्रीय एकता को सार्थक अभिव्यक्ति मिलेगी। विशेष आकर्षण—भारतीय महिला क्रिकेट टीम पर आधारित भव्य रंगोली, जो देश की प्रतिभाशाली महिला शक्ति को प्रेरणा और सम्मान का संदेश देगी। आरती के उत्कर्ष क्षण में 5 क्विंटल पुष्पों की वर्षा होगी। फूलों की वर्षा, मंत्रोच्चार, घंटियों का नाद और ढोल-नगाड़ों की गूंज श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभूति में ले जाएगी।श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। घाट पर बैरिकेडिंग, सुरक्षा बलों की तैनाती, कंट्रोल रूम और स्वच्छता दलों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। समिति सदस्यों और स्वयंसेवकों की टीम श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने में सहयोग करेगी।तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्र ने कहा कि “गंगा हमारी आस्था और जीवन की धारा हैं। देव दीपावली की यह आरती केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम और संस्कृति संरक्षण का संदेश है। नारी शक्ति, शहीदों के सम्मान और पर्यावरण संरक्षण के साथ यह आयोजन समाज को नई प्रेरणा देगा।”









