वाराणसी। शहर के बहुचर्चित दालमंडी प्रकरण को लेकर मंगलवार की शाम टैगोर टाउन कॉलोनी स्थित सांसद वीरेंद्र सिंह के आवासीय कार्यालय पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दालमंडी क्षेत्र के व्यापारियों, मकान मालिकों, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों, जिनमें एडीएम सिटी भी शामिल रहे, के बीच लंबी चर्चा हुई। बैठक में सांसद वीरेंद्र सिंह (चंदौली) ने दालमंडी में चल रही प्रशासनिक कार्रवाइयों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि— “भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पालन किए बिना किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन अस्वीकार्य है। जब चौक और नई सड़क की मुख्य सड़कें 12 मीटर चौड़ी हैं, तो दालमंडी की गली को 17 मीटर चौड़ा करने का औचित्य क्या है?”। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना में मार्केट रेट से चार से आठ गुना तक मुआवजा दरें तय करने का अधिकार जिलाधिकारी को दिया था, तो फिर दालमंडी परियोजना में यह न्यायसंगत नीति क्यों नहीं अपनाई जा रही है। वीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि भारत का टेनेंट एक्ट किरायेदारों को सुरक्षा प्रदान करता है, इसलिए बिना पुनर्स्थापन और पर्याप्त समय दिए किसी को भी जबरन बेदखल नहीं किया जा सकता। उन्होंने रात में पुलिस द्वारा दुकानों और मकानों पर जाकर भय का माहौल बनाने की घटनाओं पर भी कड़ी नाराजगी जताई और कहा—“यह देश का लोकतंत्र है, अपराधियों जैसा व्यवहार नागरिकों के साथ अस्वीकार्य है। रात के अंधेरे में छापेमारी बंद की जाए।”सांसद ने मांग की कि अधिग्रहण की समस्त कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया और संविधानिक दायरे में की जाए, ताकि किसी नागरिक या व्यापारी का उत्पीड़न न हो। बैठक में पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, पूर्व मंत्री मनोज राय धूपचंडी, पूर्व विधायक अब्दुल समद अंसारी, पूर्व विधायक उदयलाल मौर्य, शिवकुमार सिंह, डॉ. ओ.पी. सिंह, संतोष यादव बबलू एडवोकेट, पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, अनवारूल हक अंसारी, लक्ष्मीकांत मिश्रा, पूजा यादव, कन्हैया राजभर, वरुण सिंह, सत्य प्रकाश सोनकर, मुमताज खान, हीरा मौर्या, सुनील सोनकर, लालू यादव, यासीन भाई, राहुल अरोड़ा, फैसल खान, सलाम कुरैशी, नसीम अहमद, कामिल खान सहित सैकड़ों व्यापारी मौजूद रहे।









