वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में झारखंड प्रदेश स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर छात्र कल्याण संकाय के तत्वावधान में मंचकला विभाग द्वारा एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने की। कुलपति ने कहा कि ऐसे आयोजन भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को अभिव्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि लोककला एवं
लोकसंगीत पर आधारित प्रस्तुतियां छात्रों में सांस्कृतिक समृद्धि, रूचि और जागरूकता को बढ़ाती हैं।कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा झारखंड की लोक परंपराओं को दर्शाते हुए समूह नृत्य और समूह गान प्रस्तुत किए गए। अंजलि, जागृति, स्वाति, जिज्ञासा, गुनगुन, निहारिका, दिव्या, रितु, चांदनी, विश्वात्त, शिवम्, प्रिंस, सुबाशु, अभिनव, हरीश, शुभांकर, निधि, मनीष, अमन, विकास, कृति, अंशिका, साक्षी, सृष्टि, दिव्या, तन्त्री, गायत्री, प्रदिक्षिणा, अनुष्का, श्रेया और श्रुति सहित अनेक छात्रों ने अपनी सहभागिता से कार्यक्रम में चार चांद लगाए। संगीत संगत में हारमोनियम पर मनीष, सर्वेश और शिवम्, जबकि नांदल पर अनुम तिवारी और अभिषेक रहे। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, प्रो. एन.एस. कामिल, कुलानुशासक प्रो. के.के. सिंह, अमिताभ कुमार सिंह एवं अश्वनी कुमार वर्मा उपस्थित रहे।स्वागत भाषण छात्र कल्याण संकाय के अध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार मिश्र ने दिया, संचालन डॉ. आकांक्षी और धन्यवाद ज्ञापन मंचकला विभाग की अध्यक्ष प्रो. संगीता घोष ने किया। प्रो. राजेश कुमार मिश्र ने बताया कि झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर 15 नवंबर को विश्वविद्यालय में विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन उत्साह, गरिमा और उल्लास के साथ किया जाएगा। इनमें विजेता प्रतिभागियों को 17 नवंबर को आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीति विश्लेषक सुधीर शांतिलाल रावल द्वारा कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी की अध्यक्षता में प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।









