कानपुर। सरकारी कर्मचारियों के कार्यों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था के दावों के बीच कानपुर पुलिस ऑफिस में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। लिपिक शाखा में तैनात उर्दू अनुवादक महफूज अहमद को एंटी करप्शन टीम ने ₹5,000 की घूस लेते रंगे हाथों धरदबोचा।जानकारी के अनुसार दरोगा उदयपाल पाण्डेय ने अपनी वेतन विसंगतियां दूर कराने के लिए विभाग में आवेदन दिया था। आरोप है कि इस काम के बदले उर्दू अनुवादक महफूज अहमद ने ₹5,000 की अवैध मांग की। बार-बार पैसा मांगने से परेशान होकर दरोगा ने एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ा। छापेमारी के दौरान आरोपी के पास से ₹5,000 की रिश्वत की रकम बरामद हुई। गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा और आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। एंटी करप्शन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने के लिए ऐसी कार्रवाई लगातार की जा रही है। भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहनशीलता नीति के तहत किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई के बाद विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं ईमानदार अधिकारियों-कर्मचारियों ने इस कदम को सराहनीय बताया है।









