बेंगलुरु। आईटी और कॉर्पोरेट जगत को झकझोर देने वाली एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। Ola Cabs में कार्यरत एक इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली। घटना के बाद 28 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें कंपनी के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल पर सीधे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले ने न केवल कंपनी प्रबंधन बल्कि पूरे स्टार्टअप सेक्टर में हलचल मचा दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मृतक इंजीनियर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि कंपनी में काम करने का माहौल बेहद तनावपूर्ण था और उच्च प्रबंधन द्वारा लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। नोट में संस्थापक भाविश अग्रवाल पर व्यक्तिगत रूप से उत्पीड़न के गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं। सुसाइड नोट की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने संस्थापक भाविश अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मृतक इंजीनियर लंबे समय से कार्यस्थल पर उत्पीड़न और तनाव का सामना कर रहा था। पुलिस ने इंजीनियर के सहकर्मियों और प्रबंधन से भी पूछताछ शुरू कर दी है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले को संवेदनशीलता से देखा जा रहा है। इंजीनियर के सुसाइड नोट की हर लाइन का विश्लेषण किया जा रहा है। साथ ही कंपनी के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से भी बयान लिए जा रहे हैं। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या कंपनी के कार्यसंस्कृति को लेकर पहले भी कोई शिकायतें दर्ज हुई थीं। इस घटना के सामने आने के बाद कॉर्पोरेट और स्टार्टअप जगत में हलचल मच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। इससे आईटी और टेक इंडस्ट्री में कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर दबाव को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है।
👉 क्या कॉर्पोरेट कंपनियों में कर्मचारियों को मानसिक तनाव से निपटने के लिए पर्याप्त मदद और माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है?
👉 क्या ऊँचे पदों पर बैठे अधिकारी कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव डालकर उन्हें मानसिक रूप से तोड़ रहे हैं?


👉 क्या इस तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था मौजूद है?
फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और कंपनी प्रबंधन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार किया जा रहा है। इस घटना ने न केवल एक बड़ी कंपनी की छवि को झटका दिया है, बल्कि कॉर्पोरेट कल्चर पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।









