वाराणसी। देव दीपावली की पावन संध्या पर काशी की आध्यात्मिक धरती एक बार फिर दिव्यता से आलोकित हो उठी। भदैनी स्थित ऐतिहासिक जानकी घाट पर केशरी नंदन स्मृति संस्थान द्वारा आयोजित मां गंगा की भव्य महाआरती और दीपोत्सव का मनोहारी दृश्य दर्शकों के हृदय में भक्तिभाव भर गया। रजत जयंती वर्ष
के विशेष अवसर पर हजारों दीपकों की लौ और विद्युत साज-सज्जा से समूचा घाट दिव्य और दैदीप्यमान आभा लिए स्वर्गिक दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। दोपहर से ही घाट पर सजावट की तैयारियों का दौर शुरू हो गया था। संध्या होते ही रंग-बिरंगी झालरों, फूलों की मनमोहक माला, और शुद्ध घी के दीपों से सजा घाट ऐसे चमका मानो धरती पर देवलोक उतर आया हो। बच्चों द्वारा बनाई गई कलात्मक रंगोली और दीप-सज्जा ने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। मां गंगा की पूजा-अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार और ढोल-शंख की ध्वनि के बीच सम्पन्न हुई। संस्था की अध्यक्ष डा. उषा शाही, महासचिव डा. कैलाश सिंह विकास सहित पदाधिकारियों और भक्तों ने दीप प्रज्वलित कर आस्था का दीप प्रकट किया। पूजा विधि का संचालन जितेन्द्र कुमार ने किया। गंगा तट पर गूँजते वैदिक स्वर और घंटाघंटी की धुनों ने वातावरण को अलौकिक बना दिया। रजत जयंती वर्ष पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आशीर्वाद सिंह, मोहम्मद दाऊद और राधा सेठ को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। दीपों की लौ में प्रतिबिंबित गंगा की लहरें और ऊपर टिमटिमाते दीये काशी की आध्यात्मिक विरासत का भव्य प्रमाण बने रहे। श्रद्धालुओं ने इसे अद्भुत दृश्य बताते हुए कहा कि काशी में देव दीपावली स्वयं देवताओं का उत्सव बन जाता है। डा. उषा शाही, डा. कैलाश सिंह विकास, प्रभात शाही, डा. श्वेता शाही, डा. मनीष सिंह, राम बाबू, जितेन्द्र कुमार, आशीर्वाद सिंह, मोहम्मद दाऊद, राधा सेठ सहित अनेक गणमान्य लोग, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।









