चुनार। आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के अंतर्गत शनिवार को नरायनपुर ब्लॉक सभागार में महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य गीता विश्वकर्मा रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में महिलाओं की आर्थिक स्वावलंबन यात्रा और उनके अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। गीता विश्वकर्मा ने कहा कि— “एक समय था जब महिलाएं शादी-ब्याह के अवसर पर सेठ-साहूकारों से ऊंचे ब्याज पर कर्ज लेने को मजबूर थीं। ब्याज न चुका पाने पर साहूकार बेटियों और बहुओं तक को बंधक बना लेते थे।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा, ताकि महिलाएं आसानी से ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं आत्मनिर्भर हैं और देश की अर्थव्यवस्था में सशक्त भूमिका निभा रही हैं। “वन नेशन, वन कार्ड” योजना ने भी महिलाओं को परिवार की मुखिया के रूप में सम्मान दिया है। राज्य महिला आयोग की सदस्य ने बताया कि बीते दीपावली पर्व के दौरान स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार स्वदेशी उत्पादों को देशभर में 87 प्रतिशत लोगों ने अपनाया, जिससे 65,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई — यह महिलाओं की आर्थिक भागीदारी की बड़ी सफलता है।उन्होंने कहा कि “एक जिला, एक उत्पाद” योजना के अंतर्गत मिर्जापुर के पीतल, भदोही के कालीन और वाराणसी की बनारसी साड़ियां अब न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी भारतीय पहचान को सशक्त बना रही हैं। अंत में उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने अधिकारों का सदुपयोग करें। उन्होंने कहा — “महिला समाज की जननी है — वही किसी की मां, किसी की बेटी और किसी की बहू है; इसलिए सशक्त बनें, लेकिन मर्यादित रहें।” इस अवसर पर राष्ट्रीय परिषद सदस्य महिला मोर्चा आरुषि श्रीमाली, क्षेत्रीय अध्यक्ष कुसुम शर्मा, जिलाध्यक्ष आभा सिंह, नगर अध्यक्ष रेनू श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक अमित पांडेय, भाजपा जिला प्रतिनिधि चंद्रहाश गुप्ता, शक्ति केंद्र संयोजक ज्योति प्रकाश सिंह एडवोकेट, हरिशंकर सिंह सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद रहे।









